माँ - जीवन की पहली शिक्षिका
माँ है जीवन की रेखा,
जब ना दिखें घर में कहीं तब मन हो जाए बेचैन सा,
पूरी दुनिया में जन्नत मिले तो सिर्फ उनके कदमों में,
प्यार की है परिभाषा,
ममता की है मूरत,
ईश्वर की है परछाई,
गुलाब के फूल सा कोमल हृदय है,
जिसमें सिर्फ अपनों के लिए दुआऐं बसते हैं ,
खुद को भूलकर अपनों के चिंता में बिताये,
जो अपना पूरा जीवन ,
वही हैं हमारी प्यारी माँ ,
अपने सारे सपनों को भूलकर,
अपनों के जीवन की सफलता में साथ निभाएँ,
आशा की एक लौ जलाकर,
उम्मीद की किरण जगाकर ,
अपनों के ख्वाहिशें को पूरा करने में हर हाल में साथ दे,
वो कभी बेटी , कभी बहू , कभी पत्नी,
कभी माँ का रिश्ता निभाती हैं ,
हर रिश्तें को एक सा समय देकर,
खुद को ही भूल जाती है ,
माँ का आँचल है आकाश से भी बड़ा ,
जिसमें छुप जाओं तो दुनिया की कोई खबर रहे ना,
समुन्द्र की लहरों से भी बड़ा हैं माँ का दिल हमारा ,
जिसके आगे फ़ीका है जहाँ की सारी खुशियाँ,
"माँ है तो घर में खुशियाँ है,
माँ हैं तो हर पल बेमिसाल है,
माँ ही है ज़िन्दगी की प्रेरणा,
जिसके होने से ये दुनिया बेहतर और आबाद हैं ।।"
- Dedicated to
All mom's
Specially My Maa and masimuni ❤